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अँधेरी रात के तारे

किशनसिंह चावड़ा

प्रकाशक : वाग्देवी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :424
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16585
आईएसबीएन :9789380441719

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मूलतः गुजराती में, वहाँ के एक बड़े कवि उमाशंकर जोश्जी की प्रेरणा से लिए गये इस संस्मरण का वितान प्रीतिकर रूप से व्यापक है। उसमें संवेदनशीलता और बिना किसी नाटकीयता का सहारा लिए, सहज भाव से लेखक ने अपनी यादें दर्ज़ की हैं।

इस संस्मरण में समझ, संवेदनशीलता और धीरज का, वेध्यता और अभिभूति का बार-बार सुखद-रोचक मिलाप होता रहता है। किशनसिंह चावड़ा की इस अप्रतिम कृति को हिन्दी अनुवाद में हम प्रसन्नतापूर्वक प्रस्तुत कर रह हैं।

– अशोक वाजपेयी

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